घीया (लौकी) की खेती कैसे करें:
भूमि चयन और तैयारी:
- जलवायु: घीया गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। 25-30°C का तापमान इसके लिए अनुकूल होता है।
- भूमि: दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो, घीया की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
- खेती का समय:
- फसल के लिए: फरवरी-मार्च और जून-जुलाई
- बीज के लिए: दिसंबर-जनवरी
- भूमि तैयारी:
- खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल करें।
- गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट 10-15 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालें।
- उचित जल निकासी के लिए नाली बनाएं।
किस्में:
- अधिक उपज वाली: पूसा लंबी, पूसा संपूर्ण, पूसा 88, अर्का बहार
- स्वादिष्ट: कठिया, देसी, चंद्रमा
बुवाई:
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- बीज बोने का समय:
- फसल के लिए: फरवरी-मार्च और जून-जुलाई
- बीज के लिए: दिसंबर-जनवरी
- बीज बोने की विधि:
- 3-4 सेमी गहरे और 60-90 सेमी की दूरी पर बीज बोएं।
- प्रति गड्ढे में 2-3 बीज बोएं।
- बीज बोने के बाद हल्का सिंचाई करें।
पौधों की देखभाल:
- पानी: नियमित रूप से सिंचाई करें, खासकर फूल आने और फल बनने के समय।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहें।
- मचान: लताओं को सहारा देने के लिए मचान बनाएं।
- निषेचन:
- फूल आने से पहले और फल बनने के समय 25-30 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट और 10 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से डालें।
- रोग और कीट नियंत्रण:
- फफूंदनाशक और कीटनाशकों का उचित उपयोग करें।
कटाई:
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- फल पूरी तरह से विकसित होने और हरे रंग के होने पर कटाई करें।
- कटाई के लिए चाकू या कैंची का प्रयोग करें।
उपज:
- प्रति एकड़ 80-90 क्वींटल
- बीज संरक्षण:
- बीजों को धूप में सुखाकर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
- बाजार:
- घीया की बाजार में अच्छी मांग है।
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