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मक्का की खेती

 

मक्की की खेती कैसे करें:



जलवायु और मिट्टी:

  • मक्का गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह उगता है।
  • 20°C से 30°C का तापमान मक्के की वृद्धि के लिए अनुकूल होता है।
  • मक्का विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।
  • मिट्टी का pH 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।



बुवाई का समय:

  • भारत में, मक्का की बुवाई का समय क्षेत्र और जलवायु के अनुसार भिन्न होता है।
  • खरीफ फसल के लिए, बुवाई का समय जून से जुलाई तक होता है।
  • रबी फसल के लिए, बुवाई का समय सितंबर से अक्टूबर तक होता है।

बीज की किस्में:

  • भारत में मक्के की कई किस्में उपलब्ध हैं।
  • कुछ लोकप्रिय किस्मों में शामिल हैं:
    • पूसा समृद्धि
    • शक्ति
    • हीरा
    • ज्योति
    • प्रगति
  • अपनी क्षेत्रीय कृषि विश्वविद्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र से उपयुक्त किस्मों की सिफारिश प्राप्त करना उचित है।


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बीज की तैयारी:

  • बुवाई से पहले, बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें।
  • आप बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से भी उपचारित कर सकते हैं।



बुवाई:

  • मक्के की बुवाई के लिए 2-3 सेंटीमीटर गहरे और 60-80 सेंटीमीटर की दूरी पर कतारें बनाएं।
  • बीजों को कतारों में 20-30 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएं।
  • बुवाई के बाद, बीजों को हल्की मिट्टी से ढक दें।


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खाद और उर्वरक:

  • मक्के को अच्छी पैदावार के लिए संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
  • खेत में खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच करवाना उचित है।
  • सामान्य तौर पर, प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की खाद और 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस और 60 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।

सिंचाई:

  • मक्के को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है।
  • खासकर, पौधों के शुरुआती विकास और फलने-फूलने के चरण में।
  • सिंचाई करते समय, मिट्टी को नम रखें, लेकिन गीली न होने दें।



खरपतवार नियंत्रण:

  • खरपतवार मक्के की पैदावार को कम कर सकते हैं।
  • खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए, आप निराई-गुड़ाई कर सकते हैं या रासायनिक खरपतवारनाशकों का उपयोग कर सकते हैं।

कीट और रोग नियंत्रण:

  • मक्के पर कई प्रकार के कीट और रोगों का हमला हो सकता है।
  • इनसे बचाव के लिए, आपको नियमित रूप से खेत की निगरानी करनी चाहिए और समय पर उचित नियंत्रण उपाय करने चाहिए।

कटाई:

  • मक्के की कटाई तब करें जब भुट्टे पूरी तरह से पक जाएं।
  • भुट्टे के दाने पीले, सूखे और कठोर हो जाने चाहिए।
  • कटाई हाथ से या मशीन से की जा सकती है।



भंडारण:

  • मक्के को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।
  • नमी से बचाने के लिए भुट्टे को हवादार जगह पर रखें।


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