बाजरे की फसल :-
बाजरा की फसल तेजी से बढने वाली गर्म जलवायु की फसल है । फसल वृध्दि के समय नम वातावरण अनुकूल रहता है साथ ही फूल अवस्था पर वर्षा का होना इसके लिए हानीकारक होता है क्योंकि वर्षा से परागकरण घुल जाने से वालियों में कम दानेे बनते है । बाजरा की बढावार के लिए 20 - 28 सेन्ट्रीग्रेट तापमान उपयुक्त रहता है।
बाजरे की खेती कौन से महीने में होती है :-
बाजरे की दीर्घावधि (80 - 90 दिनों ) में पकने वाली किस्मों की बुवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में कर देनी चाहिये।माध्यम अवधि ( 70 - 80 दिनों ) में पकने वाली किस्मों की बुवाई 10 जुलाई तक कर देनी चाहिये तथा जल्दी पकने वाली किस्मों ( 65 - 70 दिन ) की बुवाई 10 - 20 जुलाई तक की जा सकती है ।
बाजरे की बुवाई :-
बाजरा के लिए हल्की या दोमट बुलाई मिट्टी उपयुक्त होती है । भूमि का जल निकास उत्तम होना आवश्यक हैं । पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा अन्य 2 - 3 जुताइयां देशी हल अथवा कल्टीवेटर से करके खेत तैयार कर लेना चाहिये । बाजरे की बुवाई जुलाई के मध्य से अगस्त से मध्य तक सम्पन्न कर ले ।
सबसे ज्यादा पैदावार वाला बाजरा कौन सा है ?
अच्छी पैदावार के लिए बाजरा की सबसे अच्छी वैरायटी बी ़़ 67 है । बाजरे की यह किस्म 62 - 65 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है । बाजरा की इस किस्म से 22 - 25 व्किटल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज प्राप्त की जा सकती है ।
भारत में कौन सा बाजरा सबसे ज्यादा पैदा होता है ?
भारत के बाजरा के कुल उत्पादन में पर्ल बाजरा ( बाजरा ) , ज्वार ( ज्वार ) और फिंगर मिलेट ( रागी ) की हिस्सेदारी सबसे बडी है ।
बाजरा कितने समय तक रहता है ?
बाजरा का भडारण चाहे साबुत अआनाज हो या आटा ठंडी जगह पर एयरटाइट कंटेनर में संग्रहित करना सबसे अच्छा है । साबूत बाजरे को फ्रीजर में एक साल तक या पेंट्री में 6 महीने तक भंडारित किया जा सकता है । बाजरे के आटे को फ्रीजर में संग्रहित करना सबसे अच्छा है और यह 6 महीने तक चल सकता है ।
बाजरा के पांच प्रकार क्या है ?
(1) फिंगर बाजरा ( रागी ):- ये एक स्पेशल टाइप का बाजरा होता है , जिसको रागी के नाम से जाना जाता है ।
(2) ज्वार या स्रोघुम बाजरा :- यह बजरा रोटी बनाने के लिए ज्यादा प्रचलित है ।
(3) प्रल बाजरा :- यह भी एक स्पेशल किस्म का बाजरा है । जिसको नियमित रुप से हर एक क्षेत्र में खाया जाता है ।
(4) अमरनाथ बाजरा ।
(5) छोटा बाजरा ।
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